चंदौसी शहर का एक प्राचीन मूल नाम चांद सी था जिसका शाब्दिक अर्थ चांद जैसा मतलब चंद्रमा के समान सुंदर प्राचीन काल में चंदौसी नगर बिल्कुल चंद्रमा के समान सुंदर नजर आता था इस नगर की स्थापना सब प्रथम सत्र से 55 ईसवी में रुहेलखंड के एक प्रमुख इब्राहिम खान ने की थी खान ने कई बनिया व्यापारियों को शहर में रहने के लिए आया ताकि वे पश्चिमी देशों के व्यापार कर सके यह बाद में पश्चिम में चावल और चीनी निर्यात के लिए महत्वपूर्ण बन गया ।
चन्दौसी दिल्ली से लगभग १४० किमी पूर्व में तथा मुरादाबाद नगर से ४० किमी दक्षिण में स्थित प्रसिद्ध व्यापारिक मंडी है। अलीगढ़, खैर, मेरठ, बरेली, नैनीताल और सहारनपुर के बीच में स्थित होने के कारण इस मंडी का केंद्रीय महत्व है। सड़कों और रेलों का प्रसिद्ध जंकशन है। यहाँ भारत का प्रसिद्ध रेलवे टेर्निंग काॅलेज हैं जो रेलवे स्टेशन के निकट स्थित है। गेहूँ, चावल, मक्का, सरसों, जौ ताथ नमक का व्यापार होता है। चंदौसी का घी शुद्धता के लिये उत्तरी भारत में प्रसिद्ध है। कपास से विनौला निकालने की मशीनें भी यहाँ हैं। यहाँ से कपास, सन, पटुआ, चीनी और पत्थर बाहर भेजा जाता है। इसके समीप जलविद्युत् केंद्र है।यहाँ गणेश चौथ का मेला लगता है और ये मुंबई के बाद यहाँ लगता है। भारत में चंदौसी के गणेश मेला का द्वितीय स्थान है। यहां मिंट आयल का बड़ा काम होता है और मिंट आयल यहाँ से पश्चिमी देशों में भेजा जाता है ।
चन्दौसी जंक्शन अलीगढ़ – बरेली रेल मार्ग पर स्थित है। यह लखनऊ – मुरादाबाद रेल मार्ग की एक लूप लाइन पर भी है। एक प्रमुख रेलवे स्टेशन मुरादाबाद जंक्शन रेलवे के माध्यम से यहां से सिर्फ 30 मिनट की दूरी पर है। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम यूपीएसआरटीसी के तहत कौशाम्बी बस डिपो, गाजियाबाद से चंदौसी डिपो तक बस सेवाएं, मेरठ, देहरादून, मथुरा, आगरा, अलीगढ़, आनंद विहार, नोएडा सिटी सेंटर और ग्रेटर नोएडा से चंदौसी के लिए भी बसें उपलब्ध हैं।